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Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ के जैविक जिले
छत्तीसगढ़ के 10 जिले अब पूर्ण जैविक हैं। इसका मतलब है कि इन जिलों में किसी भी प्रकार के रासायनिक उर्वरक या कीटनाशक का उपयोग नहीं किया जाता है। छत्तीसगढ़ के पूर्ण जैविक जिले इस प्रकार हैं:
- बलौदा
- बेमेतरा
- धमतरी
- गर्भियाबंद
- जांजगीर-चांपा
- कबीरधाम
- कोंडागांव
- कोरबा
- महासमुंद
- नारायणपुर
पूर्ण जैविक बनाने का निर्णय 2010 में लिया गया था। इस निर्णय का उद्देश्य पर्यावरण की रक्षा करना और किसानों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाना था। पूर्ण जैविक कृषि ने छत्तीसगढ़ में किसानों की आय बढ़ाने में भी मदद की है।
पूर्ण जैविक बनने के कई फायदे हुए हैं। इन फायदों में शामिल हैं:
- पर्यावरण की रक्षा: पूर्ण जैविक कृषि से पानी और मिट्टी का प्रदूषण कम होता है। यह पर्यावरण के लिए फायदेमंद है और पर्यावरण की रक्षा करने में मदद करता है।
- किसानों का स्वास्थ्य बेहतर: पूर्ण जैविक कृषि से किसानों के स्वास्थ्य में सुधार होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि किसान रासायनिक उर्वरक और कीटनाशकों के संपर्क में नहीं आते हैं।
- किसानों की आय बढ़ी: पूर्ण जैविक कृषि से किसानों की आय बढ़ी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पूर्ण जैविक फसलों की कीमत अधिक होती है।
पूर्ण जैविक बनने की कहानी एक सफलता की कहानी है। यह कहानी पर्यावरण की रक्षा करने और किसानों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए पूर्ण जैविक कृषि की क्षमता को प्रदर्शित करती है।