छत्तीसगढ़ का राजकीय पक्षी: पहाड़ी मैना

पहाड़ी मैना (Gracula religiosa) छत्तीसगढ़ का राजकीय पक्षी है। यह एक सुंदर पक्षी है जो घने जंगलों में रहना पसंद करता है। यह अपनी हूबहू नकल करने की क्षमता के लिए जाना जाता है, और मनुष्यों की आवाज और अन्य पक्षियों की बोली की नकल कर सकता है।

विशेषताएं:

  • आकार और रंग: पहाड़ी मैना का आकार लगभग 30 सेंटीमीटर होता है। यह गहरे काले रंग का होता है, जिसके सिर और गर्दन पर हरे रंग की चमक होती है।
  • आवास: यह घने जंगलों, पहाड़ी क्षेत्रों और मानव निर्मित आवासों जैसे कि बगीचों और खेतों में पाया जाता है।
  • आहार: यह फल, कीड़े, छोटे जानवर और अनाज खाता है।
  • प्रजनन: यह एकांगी पक्षी है और एक जोड़ा जीवन भर साथ रहता है। यह अपने घोंसले को पेड़ों के खोखले में बनाता है।
  • व्यवहार: यह एक सामाजिक पक्षी है और झुंड में रहना पसंद करता है। यह बहुत चंचल और चालाक होता है।
  • ध्वनि: यह विभिन्न प्रकार की ध्वनियाँ और आवाजें निकाल सकता है, जिसमें मनुष्यों की आवाज और अन्य पक्षियों की बोली की नकल भी शामिल है।

संरक्षण:

पहाड़ी मैना एक संकटग्रस्त प्रजाति है। जंगलों की कटाई, शिकार और अवैध व्यापार के कारण इसकी संख्या में गिरावट आई है। इसे बचाने के लिए संरक्षण के प्रयास किए जा रहे हैं।

छत्तीसगढ़ का राजकीय पक्षी:

पहाड़ी मैना को 2002 में छत्तीसगढ़ का राजकीय पक्षी घोषित किया गया था। यह राज्य के प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता का प्रतीक है।

निष्कर्ष:

पहाड़ी मैना एक सुंदर और बुद्धिमान पक्षी है। यह छत्तीसगढ़ के लिए एक महत्वपूर्ण प्रजाति है और इसे बचाने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा.

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