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Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ का राजकीय वृक्ष: साल/ सरई
साल, जिसे छत्तीसगढ़ में सरई भी कहा जाता है, छत्तीसगढ़ का राजकीय वृक्ष है। यह Shorea Robusta नामक वनस्पति प्रजाति का सदस्य है। यह वृक्ष अपनी मजबूत लकड़ी, औषधीय गुणों और आदिवासी संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान के लिए जाना जाता है।
विवरण:
- ऊंचाई: 30-40 मीटर
- पत्तियां: सदाबहार, गहरे हरे रंग की, 10-20 सेंटीमीटर लंबी
- फूल: छोटे, सफेद रंग के
- फल: पंखों वाला, 2-3 सेंटीमीटर लंबा
- लकड़ी: भूरे रंग की, भारी, मजबूत और टिकाऊ
- औषधीय गुण: एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल
महत्व:
- आर्थिक: साल की लकड़ी फर्नीचर, निर्माण, रेलवे स्लीपर, और लकड़ी के सामान बनाने में उपयोगी है।
- पर्यावरणीय: साल के पेड़ मिट्टी का कटाव रोकने, भूजल स्तर को बनाए रखने और वायु प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- सामाजिक: साल के पेड़ आदिवासी समुदायों के लिए महत्वपूर्ण हैं। वे इन पेड़ों से भोजन, आश्रय, औषधियां और अन्य आवश्यक वस्तुएं प्राप्त करते हैं।
- धार्मिक: साल के पेड़ को हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है।
छत्तीसगढ़ में साल:
- वितरण: साल छत्तीसगढ़ के लगभग सभी जिलों में पाया जाता है, लेकिन बस्तर में सबसे ज्यादा।
- राजकीय वृक्ष: 1987 में साल को छत्तीसगढ़ का राजकीय वृक्ष घोषित किया गया।
- संरक्षण: साल के पेड़ों की कटाई को रोकने और उनकी संख्या बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं।
निष्कर्ष:
साल छत्तीसगढ़ का एक महत्वपूर्ण वृक्ष है। यह आर्थिक, पर्यावरणीय, सामाजिक और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है। इस वृक्ष को संरक्षित करना और उसकी संख्या बढ़ाना महत्वपूर्ण है।
अतिरिक्त जानकारी:
- बस्तर साल: बस्तर में साल का पेड़ विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इसे “बस्तर का जीवन वृक्ष” भी कहा जाता है।
- साल वन: साल के पेड़ों से घने जंगलों को “साल वन” कहा जाता है।
- साल महोत्सव: साल के पेड़ के महत्व को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ में साल महोत्सव का आयोजन किया जाता है।
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