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Chhattisgarh
महानदी अपवाह तन्त्र: भारत का एक महत्वपूर्ण जलमार्ग
उद्गम और प्रवाह:
महानदी छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के निकट सिहावा पर्वत (जिसे शृंगी ऋषि पर्वत भी कहा जाता है) से निकलती है। यह छत्तीसगढ़ के कई जिलों से होकर बहती है, जैसे कि धमतरी, कांकेर, बालोद, रायपुर, गरियाबन्द, महासमुन्द, बलौदाबाजार, जांजगीर-चाम्पा तथा रायगढ़। इसके बाद यह ओडिशा राज्य में प्रवेश करती है और अंत में कटक के समीप बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
नामकरण:
महानदी का नामकरण श्रृंगी ऋषि के शिष्य महानन्दा के नाम पर किया गया है। प्राचीन काल में इसे कनकनन्दिनी नीलोत्पला (सतयुग वायुपुराण में) और चित्रोत्पला (द्वापर युग स्कन्दपुराण में) के नाम से भी जाना जाता था।
महत्व:
महानदी छत्तीसगढ़ के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसे “छत्तीसगढ़ की गंगा” और “छत्तीसगढ़ की जीवन रेखा” भी कहा जाता है। यह क्षेत्र के लिए सिंचाई, जल आपूर्ति, मछली पालन, और जलमार्ग प्रदान करता है।
लम्बाई और विस्तार:
महानदी की कुल लम्बाई 858 किलोमीटर है। इसका 286 किलोमीटर भाग छत्तीसगढ़ में और 572 किलोमीटर भाग ओडिशा में बहता है। यह छत्तीसगढ़ के मैदानी क्षेत्रों में बहती है और इसका विस्तार क्षेत्र 2,38,000 वर्ग किलोमीटर है।
सहायक नदियाँ:
महानदी में कई महत्वपूर्ण सहायक नदियाँ मिलती हैं। दक्षिण दिशा से मिलने वाली सहायक नदियों में दूध, सोण्दूर, सिलयारी, पैरी, सूखा, जोंक और लात शामिल हैं। उत्तर दिशा से मिलने वाली सहायक नदियों में शिवनाथ (सबसे बड़ी सहायक नदी), हसदेव/हसदो, बोराई, माण्ड, केलो, अरपा, ईब शामिल हैं।
परियोजनाएं:
महानदी पर कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं हैं, जिनमें रुद्री बैराज परियोजना (वर्ष 1915, धमतरी जिला), गंगरेल बाँध (रविशंकर जलाशय) – वर्ष 1979 (धमतरी जिला), और दुधवा जलाशय-वर्ष 1963 (धमतरी जिला) शामिल हैं।
अन्य महत्वपूर्ण जानकारी:
- महानदी धमतरी से निकलकर रायपुर तथा जांजगीर-चाम्पा जिले की सीमा निर्धारित करती है।
- छत्तीसगढ़ का सबसे लम्बा सड़क पुल (1830 मी) दिलीप सिंह जूदेव सेतु महानदी नदी पर रायगढ़ में स्थित है। यह पुल सूरजपुर एवं नदीगाँव के मध्य बनाया गया है।
- महानदी पर ओडिशा में कटक के समीप हीराकुड बाँध बना है, जो भारत का सबसे लम्बा बाँध है।