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शिवनाथ नदी: छत्तीसगढ़ की जीवनदायिनी
शिवनाथ नदी छत्तीसगढ़ की दूसरी सबसे लंबी और सबसे महत्वपूर्ण नदी है। यह 383 किलोमीटर की दूरी तय करती है और राज्य के मध्य से बहती है। यह नदी सिंचाई, जल विद्युत उत्पादन, और परिवहन के लिए महत्वपूर्ण है।
उत्पत्ति और प्रवाह मार्ग:
- शिवनाथ नदी का उद्गम राजनांदगांव जिले की अंबागढ़ तहसील में होता है।
- यह राजनांदगांव, दुर्ग, और बलौदा बाजार जिलों से बहती है।
- यह मोंगरा बैराज का निर्माण करते हुए महानदी में मिल जाती है।
सहायक नदियाँ:
- शिवनाथ नदी की कई महत्वपूर्ण सहायक नदियाँ हैं, जिनमें लीलागर, मनियारी, आगर, हांप, खारून, अरपा, आमनेर, सकरी, खरखरा, तांदुला, और जमुनिया शामिल हैं।
महत्व:
- सिंचाई: शिवनाथ नदी छत्तीसगढ़ के लगभग 20% कृषि क्षेत्र को सिंचित करती है।
- जल विद्युत: शिवनाथ नदी पर मोंगरा बैराज बनाया गया है, जो जल विद्युत उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है।
- परिवहन: शिवनाथ नदी का उपयोग परिवहन के लिए भी किया जाता है।
पर्यावरणीय महत्व:
- शिवनाथ नदी कई वनस्पतियों और जीवों का घर है।
- यह नदी बाढ़ नियंत्रण और जलभराव में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
सांस्कृतिक महत्व:
- शिवनाथ नदी छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है।
- यह नदी कई त्योहारों और धार्मिक अनुष्ठानों से जुड़ी हुई है।
चुनौतियां:
- शिवनाथ नदी को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें प्रदूषण, बाढ़, और कटाव शामिल हैं।
- इन चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार और नागरिकों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष:
शिवनाथ नदी छत्तीसगढ़ के लिए एक महत्वपूर्ण नदी है। यह नदी राज्य के जीवन और अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमें इस नदी को प्रदूषण से बचाने और इसके प्राकृतिक प्रवाह को बनाए रखने के लिए प्रयास करने चाहिए।