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Chhattisgarh
शिवनाथ नदी का अपवाह तंत्र
शिवनाथ नदी छत्तीसगढ़ राज्य की सबसे लंबी नदी है। यह महानदी की सबसे बड़ी सहायक नदी भी है। यह नदी छत्तीसगढ़ के कई जिलों से होकर बहती है और अंत में महानदी में मिल जाती है।
उद्गम और प्रवाह:
शिवनाथ नदी महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के गोडरी गाँव से निकलती है। यह छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव, दुर्ग, बेमेतरा, मुंगेली, बिलासपुर, बलौदाबाजार, और जांजगीर-चाम्पा जिलों से होकर बहती है। अंत में, यह शिवरीनारायण के पास महानदी में मिल जाती है।
मुख्य सहायक नदियाँ:
शिवनाथ नदी की कई महत्वपूर्ण सहायक नदियाँ हैं, जिनमें तान्दुला, खारून, ईब, मनियारी, हॉफ, अरपा, लीलागर, हसदो, माण्ड, और केलो शामिल हैं।
महत्व:
शिवनाथ नदी छत्तीसगढ़ के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह क्षेत्र के लिए सिंचाई, जल आपूर्ति, मछली पालन, और जलमार्ग प्रदान करती है।
कृषि:
शिवनाथ नदी अपवाह तंत्र भारत के सबसे महत्वपूर्ण कृषि क्षेत्रों में से एक है। यह क्षेत्र धान, गेहूं, दलहन, और तिलहन के उत्पादन के लिए जाना जाता है।
जल विद्युत:
शिवनाथ नदी अपवाह तंत्र में कई जल विद्युत परियोजनाएँ हैं जो क्षेत्र को बिजली प्रदान करती हैं।
पर्यटन:
शिवनाथ नदी अपवाह तंत्र में कई पर्यटन स्थल हैं, जिनमें मदकूद्वीप, खूंटाघाट जलाशय, और तान्दुला नदी शामिल हैं।
पर्यावरणीय महत्व:
शिवनाथ नदी अपवाह तंत्र कई महत्वपूर्ण वन्यजीवों का घर है, जिनमें बाघ, हाथी, और तेंदुआ शामिल हैं।
चुनौतियाँ:
शिवनाथ नदी अपवाह तंत्र कई चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिनमें बाढ़, सूखा, और प्रदूषण शामिल हैं।
निष्कर्ष:
शिवनाथ नदी अपवाह तंत्र छत्तीसगढ़ के लिए एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है। इस क्षेत्र को संरक्षित करना और इसका स्थायी विकास करना महत्वपूर्ण है।